Cabinet approves
New Education Policy 2020
See major changes in school and higher education sector
Key changes under the New Education Policy 2020:
- नई नीति के तहत एमफिल पाठ्यक्रम बंद कर दिया जाएगा और स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी स्तर पर सभी पाठ्यक्रम अब अंतःविषय (Interdisciplinary ) होंगे .
- सभी उच्च शिक्षा संस्थानों, कानूनी और मेडिकल कॉलेजों को छोड़कर, एक एकल नियामक द्वारा नियंत्रित किया जाएगा
- अब कला, संगीत, शिल्प, खेल, योग, सामुदायिक सेवा जैसे सभी विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इन्हें सहायक पाठ्यक्रम (co-curricular) या अतिरिक्त पाठ्यक्रम ( extra- curricular) नहीं कहा जाएगा।
- * स्कूलों में बोर्ड परीक्षा कम स्टेक होगी और “रटे सीखने” के बजाय छात्रों के वास्तविक ज्ञान का परीक्षण करेगी।
- स्कूल के पाठ्यक्रम को भी मूल अवधारणाओं में कम किया जाएगा और कक्षा 6 से व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण होगा।
- Report cards will be a comprehensive report on skills and capabilities instead of just marks and statements.
- निजी और सार्वजनिक उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए सामान्य मानदंड लागू होंगे।
- विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए Common entrance examsआयोजित की जाएगी
- मंत्रालय ने घोषणा की कि विषयों के लचीलेपन के संदर्भ में समग्र और बहु-विषयक शिक्षा होगी
- अन्य विशेषताओं में श्रेणीबद्ध शैक्षणिक, प्रशासनिक और संस्थानों की वित्तीय स्वायत्तता शामिल हैं।
- ई-पाठ्यक्रम क्षेत्रीय भाषाओं में विकसित किया जाएगा; वर्चुअल लैब विकसित की जाएंगी और एक राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच (NETF) बनाया जा रहा है
- हमारे देश में 45,000 से अधिक संबद्ध कॉलेज हैं। श्रेणीबद्ध स्वायत्तता के तहत, अकादमिक, प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता कॉलेजों को उनकी मान्यता की स्थिति के आधार पर दी जाएगी।
- राष्ट्रीय मिशन बुनियादी साक्षरता और बुनियादी संख्या पर केंद्रित होगा।
- छात्रों का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र- ‘PARAKH’ बनाया गया है।
https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1642061