लखनऊ
लखनऊ विश्वविद्यालय में अगले सत्र से बीए में लाइब्रेरी इंफॉर्मेशन साइंस का विषय वैकल्पिक रुप में पढ़ाने की तैयारी है। अब तक यूजी के बाद ही छात्र लाइब्रेरी साइंस पढ़ सकते हैं। एलयू की फैकल्टी बोर्ड की बैठक में इसे मंजूरी मिल गई है।
एलयू की लाइब्रेरी साइंस की हेड डॉ. बबिता जायसवाल ने बताया कि एलयू के साथ ही इसे कॉलेजों में भी शुरू किया जाएगा। तीन कॉलेजों में बीएलआईएससी का कोर्स चल रहा है। इसमें आईटी कॉलेज, ज्ञानोदय कॉलेज और आशा स्मृति कॉलेज शामिल हैं। ये कॉलेज बीए में सीधे इस विषय को लागू कर सकेंगे। इसके अलावा अन्य जो भी कॉलेज बीए में इस विषय को शुरू करना चाहेगा, उसे बीएलआईएससी का विभाग अपने यहां स्थापित करना होगा, जिसके बाद एलयू प्रशासन की ओर से उसे मंजूरी दे दी जाएगी।
12वीं में चल रही है पढ़ाई
डॉ. जायसवाल ने बताया कि सीबीएसई ने इसे 12वीं में वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल कर लिया है। वहीं कई स्कूलों में यह पढ़ाया भी जा रहा है। ऐसे में 12वीं के बाद अगर कोई छात्र इस कोर्स को करना चाहता है तो उसके पास कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में छात्र को पहले स्नातक किसी अन्य विषय से करना पड़ता है। इसके बाद ही वह बीएलआईएससी में प्रवेश ले पाता है। इस गैप को भरने के लिए यूजी में इसे शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जिससे 12वीं के बाद छात्रों को लाइब्रेरी साइंस कोर्स छोड़ना न पड़े।
सिलेबस तैयार है
इसका सिलेबस भी एलयू की ओर से तैयार कर लिया गया है, जिसकी मंजूरी भी मिल गई है। डॉ. जायसवाल ने बताया कि उन्होंने बारहवीं का सिलेबस और बीएलआईएससी के सिलेबस के अध्ययन के बाद इसे तैयार किया है। इसमें लाइब्रेरी साइंस में प्रयोग हो रही कई नई तकनीकों को भी शामिल किया गया है।
डिजिटल लाइब्रेरी भी है कोर्स का हिस्सा
डॉ. जायसवाल ने बताया कि आज डिजिटल लाइब्रेरी का जमाना है लोग ई-बुक्स पढ़ रहे हैं। ऐसे में यह भी कोर्स का ही हिस्सा है। एलयू में लाइब्रेरी साइंस के रिसर्च स्कॉलर जुनैद राईनी ने बताया कि आजकल शैक्षणिक संस्थानों के अलावा सभी सरकारी और निजी विभागों में भी लाइब्रेरी और रेकॉर्ड रूम होते हैं। ऐसे में वहां भी लाइब्रेरी साइंस के प्रशिक्षितों की आवश्यकता है।
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